शनिबारको दिन बसेको मन्त्रिपरिषद् बैठकले जनतालाई आठौँ किस्ताको लकडाउन उपहार दिएको छ। सातौँ किस्ताको म्याद सकिन तीन दिन बाँकी छँदै किन हतारमा सरकारले लकडाउन थप्ने निर्णय गरेको हो, बुझिएन। आज ६९ औँ दिनसम्म लकडाउन बसेका सर्वसाधारण उकुसमुकुस भइसकेका छन्। देशको मात्र होइन हरेक व्यक्तिको र परिवारको अर्थतन्त्र डामाडोल भएको छ। गरी खान पाइएन अब कसरी खाने भन्ने भइसकेको छ। तर सुविधासम्पन्न घरमा बसेकाहरुले यो दुःख महसूस गर्न सकिरहेका छैनन्। र त, लकडाउनको विकल्प लकडाउन र मात्र लकडाउन देखिरहेको छ सरकारले। अरु केही गर्न परेन, लकडाउन ठोक्दियो आनन्द। क्वारेन्टिनमा मान्छे मरिरहेका छन्, संक्रमण लागेका मानिसलाई पहिचान गरेर, अरुबाट अलग राखेर, उपचार गर्नुपर्नेमा मरिसकेपछि बल्ल कोरोना लागेको घोषणा हुन्छ। मतलब छैन यसमा।
संयोगले आजै छिमेकी देश भारतले पनि लकडाउनको विषयमा नयाँ घोषणा गरेको छ। भोलिदेखि सकिन लागेको थियो त्यहाँको लकडाउन ४.०। अहिले हामीकहाँ भारतबाट आएकाहरुमा नै धेरै संक्रमण भेटिएको छ। त्यसैले पनि भारतको नीतिले हामीलाई प्रत्यक्ष असर गर्छ।
भारत अहिले विश्वकै बढी संक्रमित फेला परेका देशको सूचीमा टप टेनमा परिसक्यो। मृत्युको संख्या पनि चीनलाई उछिनिसक्यो। तर पनि सधैँ लकडाउन उचित हुन्न भनेर त्यहाँको गृह मन्त्रालयले आज बिस्तारै खोल्दै जाने गरी चरणवद्ध योजनाको घोषणा गरेको छ। आर्थिक गतिविधिमा फोकस गर्दै अनलक १ घोषणा गरिएको छ। ८ जुनदेखि त्यहाँ धार्मिक स्थान र सार्वजनिक पूजास्थलदेखि होटल, रेस्टुरेन्ट, शपिङ मल निश्चित गाइडलाइन अन्तर्गत रहेर खोल्ने अनुमति दिइएको छ। दोस्रो चरणमा स्कूल/कलेज खोल्ने तयारी गरिएको छ। आन्तरिक हवाई सेवा त्यहाँ सुरु भइसकेको छ।
रातिको कर्फ्यु बाहेक दिनमा भारतभर एक राज्यबाट अर्को राज्यमा जान कतै रोक लगाइने छैन। योसँगै भारतबाट अझ सहज रुपमा नेपालीहरु स्वदेशका लागि निस्कने भएका छन्। संक्रमण देखिएका क्षेत्रमा भने यस्ता गतिविधिमा छुट हुने छैन। त्यहाँ थप एक महिना अर्थात् जुन ३० सम्म लकडाउनको घोषणा गरिएको छ।
दक्षिण एसियामा धेरै संक्रमण देखिएको अर्को देश पाकिस्तानले पनि विभिन्न गतिविधि खुला गर्दै लगिसक्यो।
कोभिड-१९ छिट्टै नहट्ने निश्चित भइसक्यो। लकडाउनले मात्रै कोरोनासँग जुध्न नसकिने पनि निश्चित भइसक्यो। लकडाउननै सबै समस्याको समाधान हुने भए दोस्रो संक्रमण हुने बित्तिकै गरिएको लकडाउन आज ६९ दिन पुग्दासम्म १४ सय नाघ्ने र सात जनाको मृत्यु हुने थिएन। संक्रमित फेला परेका जिल्लाको संख्या ५० नाघ्ने थिएन।
अब सावधानी अपनाएर काममा फर्कनुको विकल्प छैन। सावधानीको अर्थ एक अर्काबीच भौतिक दूरी राखेर कुराकानी गर्ने, मास्क लगाउने, हात नमिलाउने, हात साबुन पानीले धोइरहने, बाहिर हुँदा आँखा, मुखमा हातले नछुने। संक्रमण धेरै देखिएका ठाउँहरु सिल गर्ने, जोखिम भएका र संक्रमण नदेखिएका ठाउँहरुमा बिस्तारै केही गतिविधिहरु खुला गर्दै लाने।
त्यसो त यस्तो तयारी भएको पनि हो भन्छन्। एउटा डकुमेन्ट अलि अगाडि नै सोसल मिडियामा निकै आएको थियो- न्यून जोखिम हरियो, सामान्य जोखिम पहेँलो र उच्च जोखिम रातोमा गर्न दिने क्रियाकलाप भन्दै
तर त्यस्तो केही घोषणा भएन। वैशाख २४ गते केही औद्योगिक गतिविधिमा छुट दिने निर्णय सरकारले गर्यो।
त्यसको भोलिपल्ट सडकमा जाम भएको फोटो पनि हामीले मिडियामा देख्न पायौँ। तर जेठ ३ गते कोरोनाबाट पहिलो मृत्यु भएको खबरसँगै लकडाउन अझ कडा पारियो। त्यो लकडाउन अझै कायमै छ।
अहिले पनि विज्ञहरुले यस्तो मोडलको लकडाउनले हुन्न भनेर सुझाव दिएको दियै छन्। तर विज्ञको सुझाव सुन्ने कसले?
लकडाउन तेस्रो महिनामा प्रवेश गरेको छ। यो बीचमा कयौँको रोजगारी गुमेको छ। टेम्पो, ट्याक्सी र बस चलाउनेहरु, होटल रेस्टुरेन्ट व्यवसायी र त्यसका कामदारहरु, अरु पसलेहरु र त्यसमा काम गर्ने कर्मचारीहरु…. सूची लामो छ- यी सबलाई कोरोना कहर बनेर आएको छ। उनीहरुले भोगेको समस्या महसूस गर्ने ह्रदय छैन सरकारको। लकडाउनको विकल्प के ? लकडाउन नै। लकडाउन सकिएपछि के ? थप लकडाउन बाहेक सरकारसँग कुनै योजना र नीति छ जस्तो देखिन्न।
नेपालमा लकडाउन
पहिलो : चैत ११ गते बिहान ६ बजेदेखि चैत १८ बिहान ६ बजेसम्म
दोस्रो : चैत २५ सम्म
तेस्रो : वैशाख ३ मध्यरातसम्म
चौथो : वैशाख १५ मध्यरातसम्म
पाँचौँ : वैशाख २५ मध्यरातसम्म
छैटौँ : जेठ ५ मध्यरातसम्म
सातौँ : जेठ २० मध्यरातसम्म
आठौँ : जेठ ३२ मध्यरातसम्म
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‘कोविड-19’ से लड़ने के लिए नए दिशा-निर्देश 1 जून 2020 से लागू होंगे
कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन का सख्ती से पालन होगा, जिनका निर्धारण स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के आधार पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा किया जाएगा
कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी गतिविधियों को चरणबद्ध ढंग से पुन: शुरू किया जाएगा; ‘अनलॉक 1’ में आर्थिक फोकस होगा
‘नाइट कर्फ्यू’ सभी गैर-जरूरी कार्यों के लिए लोगों की आवाजाही पर ‘रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक’ जारी रहेगा
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कोविड-19 से लड़ने और कंटेनमेंट (सील) जोन के बाहर के क्षेत्रों को चरणबद्ध ढंग से पुन: खोलने के लिए आज नए दिशा-निर्देश जारी किए। ये दिशा-निर्देश 1 जून, 2020 से लागू होंगे और 30 जून, 2020 तक प्रभावी रहेंगे। फिर से कई गतिविधियां शुरू करने के मौजूदा चरण ‘अनलॉक 1’ में आर्थिक फोकस होगा। नए दिशा-निर्देश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ व्यापक सलाह-मशविरा के आधार पर जारी किए गए हैं।
24 मार्च, 2020 से ही पूरे देश में सख्त लॉकडाउन किया गया था। आवश्यक गतिविधियों या कार्यों को छोड़ सभी गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसके बाद कोविड-19 के फैलाव को रोकने के व्यापक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन से जुड़े उपायों में क्रमबद्ध ढंग से ढील दी गई है।नए दिशा-निर्देशों की मुख्य विशेषताएं
कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन उपाय सख्ती से लागू रहेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए, राज्य/ संघ शासित प्रदेश सरकारों द्वारा इनका सीमांकन किया जाएगा। कंटेनमेंटज़ोन के भीतर, सख्त परिधि नियंत्रण बनाकर रखा जाएगा और केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
पहले से प्रतिबंधित सभी गतिविधियों को कंटेनमेंटजोन के बाहर चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा, जो कि मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के पालन के करार के साथ, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित की जाएंगी:
चरण I (8 जून, 2020 से खोलने की अनुमति)
• धार्मिक स्थान और सार्वजनिक पूजा स्थल;
• होटल, रेस्तरां और अन्य आतिथ्य सेवाएं; तथा
• शॉपिंग मॉल।
स्वास्थ्य मंत्रालय सम्बद्ध केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों और अन्य हितधारकों की सलाह से उपरोक्त गतिविधियों के लिए एसओपी जारी करेगा ताकि एक दूसरे से दूरी बनाकर (सोशल डिस्टेंसिंग) रखी जा सके और कोविड-19 को फैलने से रोका जा सके।
चरण II
स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक / प्रशिक्षण / कोचिंग संस्थान आदिराज्यों और संघ शासित प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श के बाद खोले जाएंगे। राज्य सरकारों / संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को सलाह दी जाती है कि वे माता-पिता और अन्य हितधारकों के साथ संस्थागत स्तर पर सलाह-मशविरा करें। फीडबैक के आधार पर, इन संस्थानों को फिर से खोलने के बारे में जुलाई, 2020 में निर्णय किया जाएगा। इन संस्थानों के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एसओपी तैयार करेगा।
देशभर में सीमित संख्या में प्रतिबंधित रहने वाली गतिविधियां
अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा ;
मेट्रो रेल का परिचालन;
सिनेमाघर, व्यायामशाला, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, बार और ऑडिटोरियम, असेम्बली हॉल और इस प्रकार के अन्य स्थान; तथा,
सामाजिक/ राजनैतिक/ खेल/ मनोरंजन/ शैक्षणिक/ सांस्कृतिक/ धार्मिक समारोह/ और अन्य बड़े समागम.
उपरोक्त गतिविधियों को खोलने की तारीखों के बारे में फैसला चरण III, में स्थिति के आकलन पर आधारित होगा।लोगों और सामान की निर्बाध आवाजाही
अंतर-राज्यीय और राज्य के भीतर व्यक्तियों और सामान की आवाजाही पर कोई बंदिश नहीं होगी। ऐसी आवाजाही के लिए अलग से किसी प्रकार की अनुमति/स्वीकृति/ई-परमिट नहीं लेना होगा।
हालांकि, यदि एक राज्य/संघ शासित क्षेत्र सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी वजहों और परिस्थितियों के आकलन के आधार पर, लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने का प्रस्ताव करता है तो उसे ऐसी आवाजाही पर बंदिशों को लागू करने और उससे जुड़ी प्रक्रियाओं के पालन के संबंध में अग्रिम रूप से व्यापक प्रचार करना होगा।
लोगों की आवाजाही, गैर आवश्यक गतिविधियों के लिए रात का कर्फ्यू पहले की तरह जारी रहेगा। हालांकि, कर्फ्यू का संशोधित समय अब रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक होगा।सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देशों का पालन पूरे देश में जारी रहेगा।
कंटेनमेंट जोन के बाहर होने वाली गतिविधियों पर राज्य करेंगे फैसला
हालात के आकलन के आधार पर राज्य और संघ शासित क्षेत्र कंटेनमेंट जोन (सील क्षेत्र) के बाहर चुनिंदा गतिविधियों पर रोक लगा सकते हैं या आवश्यकता के आधार पर ऐसी बंदिशों को लगा सकते हैं।
कमजोर लोगों के लिए सुरक्षा
65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों, बीमार लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों जैसे कमजोर लोगों को आवश्यक जरूरतें पूरी करने और स्वास्थ्य उद्देश्यों को छोड़कर घर पर ही रहने की सलाह दी गई है।